सोमवार, 29 जून 2015

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हिन्दी हाइकु(HINDI HAIKU)-'हाइकु कविताओं की वेब पत्रिका'-2010 से प्रकाशित हो रही है। आपकी हाइकु कविताओं का स्वागत है !

 
Posted by: रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' | जून 30, 2015

धूप के रंग

 
 
 
 
 
 
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डॉ सरस्वती माथुर

1

गंगा उतरी

शिव का जटाजूट

खुलता गया।

2

लहरों का भी 

हिलता है दुकूल

नदी किनारे ।

3

खेल न जीते

जीवन के दिन भी

रीते  ही बीते ।

4

सांध्य गगन

नट बन नाचते

धूप के रंग।

5

नदी की वीणा

तट पर बजती

गीत रचती।

6

अरुणोदय

निशा को सिराकर

दीप जलाता ।

7

आकण्ठ  डूबा

मन की नदिया में 

जीवन मेरा।

8

रंग पराग

मन- सुमनों पर

तितली  डोले।

9

खड़ा पहाड़

ऊँचाई पकड़के

धरा को थामें ।

10

धूमधाम से

चढ़ता है सूरज

धूप की घोड़ी ।

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