मंगलवार, 5 मई 2015

गर्मी के हाइकु ...."सूखे हैं क्षीर !"

गर्मी के हाइकु
"सूखें हैं क्षीर !:"
1
गर्मी प्रचंड
धूप तपाये नीर
सूखें  हैं क्षीर l
2
सूरज छोड़े
छज्जे -आँगन- बाण
मन वीरान l
3
धूप के रंग
हरदम रहते
सूर्य के संग l
4
गर्म धूप भी
ढूंढती डोल रही
 ठंडी सी छाँह
5
धरा तड़की
धूप पत्थर फेंके
जब सूर्य ने l
6
गर्मी के बाण
टपकता पसीना
खोई है छाँव l
7
 दहका मन
धरा हुई तंदूर
सूर्य है क्रूर l
8
धूप नौंचती
 सूरज का चेहरा
 झरे पसीना l
9
मोम सी धूप
सूरज के ताप से
गलती जाये !
10
दुपहरियाँ
गर्मियों  की जो आई
मन भी जला l
डॉ सरस्वती माथुर









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