शुक्रवार, 10 अप्रैल 2015



आज त्रिवेणी में डॉ सरस्वती माथुर के ताँका

Saturday, April 11, 2015



मन की डोरी



डॉ सरस्वती माथुर

1
मन की डोरी
जीवन सुधियों से
बाँध पिरोई
फिर देहरी पर
नेह दिया जलाया।
2
नीर न रोको
अविरल नैंनों से
बहने भी दो
मन -नदी गहरी
समा लेंगी यादों को।
3
थाम जो लोगे
जीवन पथ पर
हाथ हमारा
मन-ताल खिलेंगी
कलियाँ कमल की ।
4
तितली- मन
फूलों को चूमकर
रस है पीता
रंग बटोरकर
जीवन पूरा जीता।
5
चाँद - चाँदनी
मधुर संबंधों की
एक है डोरी
नेह का बंधन है-
जानती है चकोरी ।



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें