बुधवार, 15 अप्रैल 2015

पुष्प विविधवर्णी

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  • Posted by: रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' | मार्च 26, 2015

    पुष्प विविधवर्णी

     
     
     
     
     
     
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    डॉ सरस्वती माथुर 

    छाया : डॉ नूतन गैरोला
    छाया : डॉ नूतन गैरोला

    1-बुरांश

    1

    बुरांश- फूल

    लाल मोती से झरे

    धरा पे जड़े l

    2

    रंगरेज -से

    धरा को रँगते हैं

    बुरांश फूल l

    3

    लाल सुमन

    खिले बुरांश के तो

    दहका वन ।

    4

    अभिनंदन

    ‘फूल बुरांश तुम

    रंगते मन ।

    -0-

    MADHUMALATI-SHEPHALI2-मधुमालती

    1

    तरु पे चढ़ी

    मधुमालती बेल

    अनोखा मेल l

    2

    झूमते फूल

    मधुमालती पे चाँद

    जब खेलता l

    3

    गुच्छ तुम्हारे

    मन आँगन रंगें 

    मधुमालती  l

    4

    मधुरस पी

    माधवीलता संग

    भँवरा झूमा l

    -0-

    हरसिंगार-13-हरसिंगार

     1

    सूर्य खामोश

    हरसिंगार झरे

    ओस कणों पे  l

    2

    झरी शेफाली

    धरती देह पर

    चंदनवर्णी l

    3.

    फूलचुग्गी से

    हरसिंगार उड़े

    सूर्य देख के l

    4

    हरसिंगार

    बहती रसधार

    भोर के द्धार l

    -0-

    पलाश-14-पलाश 

    1

    मन भी लाल

    खिले पलाश संग

    प्रेम खिलाए l

    2.

    गूँथ मन को

    हावार रचाए

    लाल पलाश l

    -0-

    gulamohara-15-गुलमोहर 

    1

    धूप में तपे

    लाल गुलमोहर

    रक्तिम मन l

    -0-

    DSC00053 6-अमलतास

    1

    केसरी आभा

    अमलतास रूप

    खिली धूप -सा l

    2

    हल्दी मलके

    अमलतास खेले

    धरा से होली l

    -0-

    images -26-कमल 

    1

    कमल फूल

    गहरी झील पर

    तिरते पाखी l

    2

    सुशोभित है

    पोखर में कमल

    भीगा है मन l

     -0-

    दूब7-दूब

    1

    दूब सागर

    ओस बूँद तिरती

    नाव सरीखी l

    2

    धरा सागर

    दूब  सर्पों के गुच्छ

    सरसराते l

    -0-

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