मंगलवार, 2 दिसंबर 2014

हाइकु ...बसंत के पाखी

1
बसंत  पाखी
पीली सरसों पर
 हवा से झूमें l
2
बसंती  गंध
 तरुओं फूलों पर
  तितली सी  उडी l
3
धान के खेत
सरसों के फूलों से
बासन्ती हुए l
4
चह्के पाखी
 चहुँ दिशाओं पर
बसंत छाया l
 5
बसंती हवा
  सतरंगी वसुधा
 सजी धजी सी
6
फूलों पे झूलें
 धानी सी तितलियाँ 
   मधु बटोरें
7
गीत सुहाने
नव राग तराने 
सुना जा रे
डॉ सरस्वती माथुर


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