मंगलवार, 2 दिसंबर 2014

हाइकु ........ "प्रेम!"

"प्रेम!"

1

ऋतु प्रेम की

बसंती हवाओं में

बिखरे रंग

2

प्रेम दीपक

जला जब मन में

खिला यौवन

3

प्रेम जुगनू

भावों की बाती जल़ा

रौशन हुआ

4

प्रेम गुलाब

मन को महकाए

नींद उडाये

5

प्रेम पराग

मौसम पे बरसा

तितली मन

6

प्रेम से भरी

भूली बिसरी यादें

महका मन

7

प्रेम पावन

कलकल नदी सा

बहता जाये

8

प्रेम का रंग

दहके पलाश सा

मन रंगता

9

प्रेम पलाश

फागुन हुआ मन

बसंत संग

10

भीगा ये मन

मौसम ने बजाई

प्रेम मृदंग

डॉ सरस्वती माथुर

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