१
संग डोलते
स्नेह रस घोलते
पंछी से मित्र l
२
प्रचंड धूप
छाया से लगते हैं
स्नेहिल मित्र l
खरे सिक्के से
मित्र हैं खनकते
मन जेब में l
४
फूलों सी गंध
एक ड़ार चह्के
मित्र महके l
५
काँटों सा पथ
साथ कदम लेते
स्नेहिल हो मित्र l
६
सपने साथ
हमसफ़र जैसे
मित्र देखते l
७
मित्रता रस्म
असीम समर्पण
दुःख सुख का l
8
दोस्ती की डोर
मन खूंटे से बांधे
साथ निभाएं l
९
मित्रत्व एक
सुखद अहसास
मीठी सी यादl
१०
सूरज चाँद
आकाश में मित्र से
रोशनी देते l
डॉ सरस्वती माथुर
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