शुक्रवार, 21 नवंबर 2014

सेदोका : "शरद ऋतु आयीl "

सेदोका
"शरद ऋतु आयीl "
1
सर्द मौसम
कोहरा ओढ़ कर
 सुबह धूप पर
 हाथ सेंकता
 लगता मनभावन
अलाव सुहावन  l
2
 धरा पे डोले
 कंपकंपाती धूप
 मौसम ने बदला
 अपना  रूप
 बैठ कोहरे पर
 शरद ऋतु आयीl
3
घना घना सा
सुबह का कोहरा
सर्द हवाएँ चली
धरा के द्धारे
देह कंपकंपाई
ठिठुरी अमराईl
4
 आयी सर्दियाँ
 कंपकंपाया तन
 कोहरे भरी राते
 सांझ होते ही
 बुझा बुझा सा मन
 अलाव को घेरता l
5
बर्फ हवाएँ
कोहरे का परदा
कंपकंपाता तन
सर्द रात में
औसारे बैठ कर
अलाव है धोंकता l
6
सर्द है रातें
 कंपकंपाते दिन
बर्फीली वादियों में
 जाड़े की धूप
 शीत लहरों पर
जैसे गरम बिछौनाl
डॉ सरस्वती माथुर 

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