मंगलवार, 28 अक्तूबर 2014

" दीवाली का पर्व आया!"

" दीवाली का पर्व आया!"
जगमग रोशनी भर कर
घर मुंडेर दीप सजाया
उजाला पुरनूर फैलाया
पूजा का थाल लगाया ...

मन धरा पर सजा रंगोली
ख़ुशी की कोयल यूँ बोली
आओ संग मिल मनाएं
दीवाली का मौसम आया

बाती की यही थी आशा
सद्भाव की बोलो भाषा
उसी चाह से तम का
भयावह काल भगाया


बंदनवार द्वार पर तानी
लगी रात जैसे हो महारानी
फूलझड़ी,पटाखे अनार फोड़े
चकरी ने चक्कर लगाया

बच्चो में उल्लास छाया
रंगोली पर दीप जला
लक्ष्मी का किया आहवान
पर्व मंगल कुछ यूँ मनाया
डॉ सरस्वती माथुर

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