गुरुवार, 4 सितंबर 2014

यह बच्चा किसका है ?

श्वेत स्वाति दीप के इस   मंच से कहना चाहती हूँ की क्यूँ न हम भी कुछ सामाजिक सरोकारों से जुड़ें ...कविता को माध्यम बनाके..!
सोशल एक्टिविस्ट भी हूँ शिक्षाविद भी पर जादू की छड़ी कहाँ से लाऊं ?
कहना चाहती हूँ कि
हमारी चमचमाती कार जब चौराहों पर लाल बत्ती देख रूकती है तो आपने भी देखा होगा वहां खड़े कुछ मैले कुचेले कपडे पहने मासूम बच्चों की आँखों मैं चमक आ जाती है और आप देखते हैं की दोनों हथेलियों की ओट से आपकी कार की चमचमाती खिड़की पर चिपचिपे कुछ निशान छोड़ बुदबुदा के कुछ कहते बच्चे ..अन्दर स्टरियो पे बज रहा होता है... गीत ..
."बच्चों तुम तक़दीर कल के हिन्दुस्तान की ....."!
 कार का एसी चल रहा है इतनी ठंडक में आप बस यही सोच रहें हैं की कब होगी हरी बत्ती ...? सत्यमेव जयते :)! ...मेरे दिमाग में बस एक ही प्रश्न घूम रहा है की कोई जादू की छड़ी मिल जाये तो इनकी तक़दीर बदल दूं पर नहीं मिली ऐसी छड़ी तो चलो कोई बात नहीं ..... इन शब्दों से बात करती हूँ....समाधान आप करें ...समीक्षा भी .....
 
यह बच्चा किसका है ?
डॉ सरस्वती माथुर /
सुबह की चादर फेंक 
वो उठ खड़ा हुआ और
चल पड़ा उठा लोटा
चौराहे पर
भूख के बादलों से टपकती
बेबसी की बारिश में
फटे चीथड़ों से तन ढके
गीला - गीला सा....
यह बच्चा किसका है?
भीगी हुई चिड़िया सा
सरसराता - गिडगिडाता हुआ
संकरी गली लाँघ
सड़क पर आता हुआ
लोहे की आदमीनुमा छड़ों को
चौराहों पर "शनि" बताता हुआ
धूप अगरबत्ती से
उन्हें मनाता हुआ....
यह बच्चा किसका है ?
कितना अभ्यस्त है
उसका बचपन
गेंद गुब्बारे ,फिरकी और
पतंग नहीं मांगता
छोटे छोटे हाथ फैलाता
कुछ खनकते सिक्के चाहता ...
यह बच्चा किसका है ?
चौराहे पर पीली -हरी बत्तियों के
जलने बुझने के साथ
संभावनाओं के द्वार खोलता
किसी दैनिक अखबार की तरह
एक स्वर में बांचता हुआ
अपनी लाचारी के समाचार...
यह बच्चा किसका है ?
सोने की चिड़िया कहलाने वाले
भारत के हर गली चौबारों पर
जो माँ की गोद छोड
उगता -बढ़ता है सुनो बताओ न...
यह बच्चा किसका है ?
राष्ट्रीय पर्व पर तिरंगे झंडे लिए
आपमें राष्ट्रीय भावना जगाता
अगरबत्ती बेच आपको उसकी
खुशबुओं से रूबरू कराता...
यह बच्चा किसका है ?
राष्ट्र ,समाज ,परिवार सभी से
यह प्रश्न है की आखिरकार...

यह बच्चा किसका है ?
डॉ सरस्वती माथुर

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